Madhu Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -27-May-2022ऐसा बीज लगाना होगा

ऐसा बीज लगाना होगा

  बड़े कहते देखो हमारे
उत्तम बीज बोओ तुम सारे
जैसे तुम बोओगे बीज
वैसा ही फल पाओगे।

उत्तम खाद बीज तुम डालो
मधुर फल तुम पाओगे
बीजौ करेला बोओगे तो
आम कहां से खाओगे।

उत्तम हो संतान तुम्हारी
प्रयत्न तुम्हें बस करना है
सुंदर संस्कारों से पूरित
अब उन्हें तुमको करना है।

संस्कार होंगे सुंदर
घर देश सब उनकी धरोहर
है वह देश के रक्षक
सुंदर बीज लगाना है।

प्रेम त्याग दया ममता
करुणा भाव सिखलाना
भाव सुंदर रखो मन में
विवादों को भूल जाना।

वाणी हो संयमित यहां पर
वाणी से ना हो कोई वार
युद्ध हुए वाणी से कितने
खुद को अब संभालो जनाब।

अंधे का पुत्र अंधा
करा दे विवाद महाभारत का
वाणी आपकी कर्म है बनती
लोगों के हृदय में बसती।

जख्म सदा भरते देखे
वाणी के घाव भरे यहां ना
उन बीजों को तुम ना बोओ।
बीज बैर के तुम मत बोओ।

प्यार का बीज तुम डालो
चाहत की खाद तुम डालो
धीरे-धीरे वृक्ष है बनता
प्यार सभी के जीवन में भरता।

मन को मोहे वह  तो हरदम
ऐसे वृक्ष लगाओ हमदम
पूरी धरा महके जिनसे।
भीनी भीनी खुशबू फैलाए।

ऐसी बातें करके जाना
प्रेम प्रीत की फसल लहराना
यह भावना मन में आए
ऐसा सुंदर बीज लगाना।

          रचनाकार ✍️
          मधु अरोरा
           7.5..2022

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8 Comments

Shnaya

28-May-2022 12:43 PM

बेहतरीन

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Punam verma

28-May-2022 11:02 AM

Very nice

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Abhinav ji

28-May-2022 08:27 AM

Nice👍

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